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20081130

A Thought- Dil Se

क्या अभी भी वक्त है जागते में सोते रहने का,
या वक्त है अब जाग कर ख़ुद से कुछ कहने का,
बहुत हुआ बहुत हुआ अब ये सिलसिला सहने का,

हम करें अब कुछ ऐसा-
कि जिससे एक भी आतंकवादी के धड पर सिर नही रहने का